आमिर खान देशद्रोही हैं ?

19:22:00 Manjar 1 Comments



आमिर खान हाय..हाय..

सोशल मीडिया में इन दिनों 'असहिष्णुता' को लेकर खूब बवाल मचाया जा रहा हैं। साल के शुरुआत के साथ जो तेवर भाजपा अपना रही हैं लग नही रहा इस साल भी यह मुद्दा थमेगा। आमिर खान पर हमला जिस तरह से किया जा रहा हैं वह कतई सही नही हैं। विवाद लगभग थम गया था फिर ऐन वक़्त पर विजयवर्गीय और मनोज तिवारी ने मामलें को तुल पकड़ा दिया। सोशल मीडिया पर खूब विरोध कर ,पुतला जला कर पोस्टर तोड़ फोड़ कर हम बता दिए हैं की हम कितने सहिष्णु हैं।
इस साल के आखिर में यानी क्रिसमस पर रिलीज हो रही आमिर खान की दंगल को निशाना इसी साल के शुरुआत से ही बनाया जाने लगा। क्योंकि बीजेपी के बड़े नेता और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने आमिर पर निशाना साधते हुए एक सभा को दौरान कहा, ”जब कोई इस समाज को यह कहता है कि असहिष्णुता बढ़ गई है तो जरा गुस्सा आता है …फिर उसको उसका इलाज करना पड़ता है कि इलाज जरूरी है क्योंकि वो असहिष्णु बोल रहा है। क्योंकि एक इलाज हो गया दूसरा इलाज करना बाकी है। दंगल में मंगल करना है ध्यान रखना सब लोग जरा.”

गौरतलब हैं की एक का इलाज का मतलब  शाहरुख से हैं। मगर सवाल उठता हैं क्या वास्तव में शाहरुख़ की बयानबाज़ी के कारण फ़िल्म 'दिलवाले' को नुकसान हुआ। लेकिन विश्लेषणात्मक बात की जाये तो नुकसान बिल्कुल थोड़ा सा लग रहा हैं। अक्सर बड़े स्टार की मूवी छुट्टियों में बिना किसी अन्य मूवी के टकराहट के साथ प्रदर्शित होती हैं। 
यहाँ तक 'हैप्पी न्यू ईयर' जैसी फ़िल्म भी 200  करोड़ के पास पहुंची गई थी। जानने वालों में मैं शाहरुख का सबसे बड़ा फैन हूँ। सिनेमा घर से निकलने के बाद मैं इसे बकवास करार दिया था।मगर इस बार शाहरुख की मूवी की पहली गलती हुई फ़िल्म 'बाजीराव मस्तानी' के साथ 'दिलवाले' को रिलीज़ करने की।
दिलवाले और बाजीराव मस्तानी के एक साथ रिलीज़ होने की वजह से थिएटर और दर्शक बंटे, लिहाज़ा कमाई भी बंट गई। 18 दिसंबर को 33.80 करोड़ का बॉक्स ऑफिस पर कारोबार हुआ, वो भी बिना किसी छुट्टी के मगर ये पैसे बंट गए। 'दिलवाले' के हिस्से में जहां 21 करोड़ आए वहीं, 'बाजी राव मस्तानी' की झोली में 12.80 करोड़। यानि 'दिलवाले' और 'बाजीराव मस्तानी' अकेले-अकेले रिलीज़ होती तो ये पूरी कमाई किसी एक की होती। लेकिन यह कलेक्‍शन दोनों फिल्मों के बीच बंट गया। यहाँ रोहित की गलती थी जब संजय लीला भंसाली ने बाजीराव मस्तानी के लिए पहले ही डेट बुक करवा लिए थे तो रोहित को साथ में रिलीज करने की क्या जरूरत पड़ी थी।
'दिलवाले' को एक मसाला फ़िल्म थी जिससे दर्शकों ने एक बार देखा और इसे रिपीट वैल्यू का फायदा नही मिल सका। अगर शाहरुख के जगह कोई और रहता तो वर्ल्ड वाइड 350 करोड़ से ज्यादा का कोरबार कर नही पता। वह भी तब जब इतने शो कैंसल हुए।

पर्यटन मंत्रालय की स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने आमिर खान को देशद्रोही कह दिया।
सवाल ये है कि असहिष्णुता पर बात करने की वजह से आमिर खान देशद्रोही हो गए?
आमिर को देशद्रोही कहने के आरोप में घिरे बीजेपी सांसद मनोज तिवारी कह रहे हैं कि अब आमिर को अतुल्य भारत कहने का कोई हक नहीं है। स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में कांग्रेस सांसद कुमारी सेलजा ने अतुल्य भारत अभियान का मुद्दा उठाया। टीएमसी सांसद रीताब्रता बनर्जी ने पूछा कि आमिर खान को क्यों हटाया गया है? इसी पर मनोज तिवार ने कहा कि वो देशद्रोही है। हटा के ठीक किया। हालांकि मनोज तिवारी इससे इंकार करते रहें।
लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात रखने का खामियाजा आमिर को अतुल्य भारत के कैंपन से हट कर करना पड़ा।
सरकार ने सफाई दी हैं कि अतुल्य भारत कैंपेन बनाने वाली कंपनी से कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो गया था इसलिए आमिर विज्ञापन से बाहर हो गए।

हालिया दिनों में जिस तरह गतिविधि केंद्र सरकार एवं उनके समर्थको द्वारा की जा रही हैं नही लगता कभी यह मुद्दा थमेगा भी। इन दिनों मोदी भक्तों द्वारा किये जा रहे क्रियाकलापों को देखते हुए कहा जा रहा हैं- 'मोदी के अंधभक्त अपने  कुतर्क से मोदी का लुटिया डूबा देंगे'

अगर केंद्र सरकार को लगता था की आमिर का बयान गैर जरूरी था। केंद्र सरकार आमिर को एक मौका देकर अपनी सहिष्णुता और महानता का परिचय दे सकती थी।
स्वयं आमिर का उत्साह और पश्चताप(यदि कोई असहमत हो तो) का मिलन काफी उद्दीप्तपन पैदा कर देता।
मगर लगातार हो रहें हमलें काफी दुखद हैं कही न कही आमिर की आशंका को सच साबित कर रहा हैं। आमिर के शब्दों में 'सबसे पहले मैं एक बात साफ करना चाहूंगा,  न मेरा,  न मेरी पत्नी का देश छोड़ने का कोई इरादा है। न हमारा ऐसा कोई इरादा था,  न है और न होगा। जो कोई भी ऐसी बात फैलाने की कोशिश कर रहा है,  उसने या तो मेरा इंटरव्यू नहीं देखा, या जानबूझकर गलतफहमी फैलाना चाह रहा है। भारत मेरा देश है,  मैं इससे बेइंतहा प्यार करता हूं और यही मेरी सरज़मीं है।
दूसरी बात,  इंटरव्यू के दौरान जो भी मैंने कहा है,  मैं उस पर अटल हूं। जो लोग मुझे देशद्रोही कह रहे हैं उनसे मैं कहूंगा,  मुझे गर्व है अपने हिन्दुस्तानी होने पर और इस सच्चाई के लिए मुझे न किसी की इजाजत की जरूरत है और न ही किसी के सर्टिफिकेट की। जो लोग इस वक्त मुझे गालियां दे रहे हैं, क्योंकि मैंने अपने दिल की बात कही है, उनसे मैं कहना चाहूंगा कि मुझे बड़ा दुख है कि वो मेरा कहा सच साबित कर रहे हैं और उन सारे लोगों का मैं शुक्रिया अदा करना चाहूंगा जो आज इस वक्त मेरे साथ खड़े हैं। हमें हमारे खूबसूरत और बेमिसाल देश के चरित्र को सुरक्षित रखना है। हमें सुरक्षित रखना है इसकी एकता को, इसकी अखंडता को,  इसकी विविधता को,  इसकी सभ्यता और संस्कृति को, इसके इतिहास को,  इसके अनेकतावाद के विचार को,  इसकी विविध भाषाओं को,  इसके प्यार को,  इसकी संवेदनशीलता को और इसकी जज्बाती ताकत को।’ आखिर में उन्हें रविन्द्र नाथ की कविता का सहारा लेना पड़ा।

आमिर के बयान में साफ दिख रहा था की उनकी पत्नी जब वह बाते आमिर से कही वह बातें आमिर के लिए बेहद कस्टप्रद(distressful)था।
फिर भी केंद्र सरकार को मौका देना ही चाहिए था।
क्या ये लोग ट्रेन रोक रहें थे। सरकारी कार्य में बाधा डाल रहें थे। तोड़-फोड़ मचा रहें थे। नही ना बस शांति से बिना हिंसक हुए अपनी बात रख रहें थे।
मशहूर फिल्म निर्देशक राजकुमार हिरानी की टिप्पणी "मीडिया में जो ख़बरें आती हैं उस पर पूरी तरह भरोसा नहीं किया जा सकता।"
मीडिया के काम करने के तरीक़े पर टिप्पणी करते हुए वे कहते हैं, अक्सर ख़बरों को बेचने के लिए विवाद खोजे जाते है। अच्छी ख़बरें भी होती है लेकिन उनकी जगह विवादों से भरी ख़बरें दिखाई जाती है। "आमिर के साथ जो हुआ उससे मुझे बहुत बुरा लगा, उसे पाकिस्तान जाने के लिए कहा गया, मेरा मानना है जब वह भारत में पैदा हुआ है तो उसे हर बात कहने का हक़ है।"

खैर लोकतंत्र में जनता ही सर्वोपरि होता हैं अतः क्या आप आमिर को एक चांस देना चाहते हैं या नही ?


1 comment:

  1. Indeed he deserves a chance, aakhir Amir ne hi sarforosh jaisi filmen bhi banayi hain.

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